काश ! रस्मों-रिवाजों को सीख जाती वो और अचानक से खिड़की में दिख जाती वो उसके नीचे आने की मैं तकता राहे... काश ! रस्मों-रिवाजों को सीख जाती वो और अचानक से खिड़की में दिख जाती वो उसके नीचे ...
राष्ट्र पुकारता है भारत गौरव जिन्हेंं हमारा तहे दिल से सलाम है उन्हें राष्ट्र पुकारता है भारत गौरव जिन्हेंं हमारा तहे दिल से सलाम है उन्हें
देश बदल रहा है नया सूरज निकल रहा है देश बदल रहा है नया सूरज निकल रहा है
है कितने रूप तेरे माँ जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे माँ है कितने रूप तेरे माँ जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे माँ
भूला नहीं हूँ मैं, याद है मुझे बातों से झड़ते फूलों की ख़ुशबू भूला नहीं हूँ मैं, याद है मुझे बातों से झड़ते फूलों की ख़ुशबू
रब्बा भी चर्चा का विषय बन जाता था! हर कोई रब्बा में बैठने के लिए ललचाचा था। रब्बा भी चर्चा का विषय बन जाता था! हर कोई रब्बा में बैठने के लिए ललचाचा था।